खूनी बवासीर के मस्से सुखाने के उपाय {2023}

खूनी बवासीर के मस्से रक्तस्राव करने वाले, आकार में छोटे और गुदा के अंदर पाए जाते है। जिससे इसमें मलत्याग के दौरान और बाद भयंकर दर्द होता है। जिसका दर्द कमर से होते हुए, जांघ और कूल्हों को प्रभावित करता कुक्षि तक फ़ैल जाता है। जिससे खूनी बवासीर के मस्से सुखाने के उपाय, जितना जल्दी हो सके उतना जल्दी करना चाहिए।

खूनी बवासीर क्या है ( Khuni bawasir kya hai )

खूनी बवासीर, जिसे अंग्रेजी में “Bleeding Hemorrhoids” भी कहा जाता है, एक प्रकार की बवासीर होती है जिसमें गुदा क्षेत्र में रक्तस्राव की समस्या होती है। यह आमतौर पर गुदा क्षेत्र की नसों में सूजन या बड़ी हुई नसों की उपस्थिति के कारण होता है। यह एक आम समस्या है और वृद्धावस्था और गर्भावस्था के दौरान भी प्राकृतिक रूप से हो सकता है।

खूनी बवासीर मानव गुदा में होने वाली वाली बीमारी है। जिसके मस्सो से कुछ न कुछ स्राव होता रहता है। जिसके कारण इसको परिस्रावी बवासीर भी कहते है। जो मानव गुदा के भीतर और बीच में, अधिक शिराओ से युक्त होती है। यह सौत्रिक तंतुओ के माध्यम से चारो ओर से घिरी रहती है। जिनके ऊपर चिकना आवरण चढ़ा होता है।

शुरुआती दौर में यह कोमल होते है। किन्तु रगड़ आदि लगकर, पुराना होने पर कड़े हो जाते है। मलत्याग के समय जोर लगाने पर, बवासीर में इन मस्सों पर अधिक रगड़ लगती है। जिससे इनमे रक्त निकलने की दर बढ़ जाती है। ऐसा नित्य कुछ दिनों तक होने पर, गुदांश के सहित यह बाहर आ जाती है। जिसको अंदर करने के लिए, उगली से दाब डालकर अंदर डालना पड़ता है।

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खूनी बवासीर क्यों होता है ( Khuni bawasir kyu hota hai )

खूनी बवासीर कई कारकों से हो सकता है। इनमें से कुछ मुख्य कारक निम्नलिखित हैं –

  1. अव्यवस्थित भोजन, जिसमें अधिक मात्रा में तीखा, मसालेदार और मिर्ची युक्त खाद्यान्न होता है, बवासीर को बढ़ा सकता है। यह आपके पाचन तंत्र को प्रभावित करके आंत में दबाव और रक्तस्राव को बढ़ा सकता है।
  2. अगर आप लंबे समय तक बैठे रहते हैं या अपने पेट को ज़ोर देते हैं, तो यह आपके गुदा क्षेत्र में दबाव बना सकता है और रक्तस्राव का कारण बन सकता है।
  3. कब्ज़ की स्थिति में, दस्त या अनियमित मलत्याग के कारण भी बवासीर हो सकता है। इसके कारण गुदा क्षेत्र में दबाव बनता है और रक्तस्राव हो सकता है।
  4. गर्भावस्था के दौरान, शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होता है जो गुदा क्षेत्र में रक्तस्राव को बढ़ा सकता है और बवासीर का कारण बन सकता है।
  5. तंबाकू या अल्कोहल का नियमित सेवन करने से रक्तस्राव में बदलाव हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप बवासीर हो सकता है।
  6. अधिक गरम भोजन करना, अधिक मात्रा में नमकीन और क्षार का सेवन करना, फाइबर की भरपूर मात्रा का सेवन न करना के कारण बवासीर हो सकता है।
  7. अगर आपका बैठने या एक जगह पर ठहरने का कार्य अधिक होता है और आपका व्यायाम कम होता है, तो यह पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकता है और बवासीर के विकास का कारण बन सकता है।
  8. यदि आपके गुदा क्षेत्र में नसों में विस्तार होता है, तो यह बवासीर का कारण बन सकता है। इसके कारण आपके गुदा में खून स्थानांतरित हो सकता है और यह बवासीर का विकास कर सकता है।

खूनी बवासीर के लक्षण ( Khuni bawasir ke lakshan )

खूनी बवासीर, जिसे अर्श, पाइल्स या हेमोरोइड्स भी कहा जाता है, एक आम स्वास्थ्य समस्या है जो गुदा क्षेत्र में विकसित होती है। यह समस्या खून के साथ जुड़ी होती है, जिससे पीड़ा, खुजली, दर्द और अनुचित स्राव के लक्षण हो सकते हैं। खूनी बवासीर के लक्षणों को पहचानने में मदद करने के लिए निम्नलिखित सामान्य लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए।

खूनी बवासीर का रामबाण इलाज, मस्से वाली बवासीर के लक्षण
  1. रक्तस्राव एक प्रमुख लक्षण है जिसे खूनी बवासीर में देखा जा सकता है। सामान्यतः, खूनी बवासीर में बैठने, पेशाब करने या पाठ चलाने के दौरान रक्तस्राव होता है। इसके परिणामस्वरूप, त्वचा, टिश्यू या शौचालय में खून के स्पष्ट संकेत हो सकते हैं।
  2. खूनी बवासीर के साथ दर्द और पीड़ा का अनुभव हो सकता है। यह दर्द गुदा क्षेत्र में एक या अधिक गांठों के कारण होता है और सामान्यतः सबसे अधिक साथी स्राव के साथ बढ़ जाता है। यह दर्द सीधा हो सकता है या आंतरिक गुदा में महसूस हो सकता है।
  3. खूनी बवासीर के मामले में खुजली और जलन की समस्या हो सकती है। यह त्वचा में खुजलाहट या जलन के रूप में प्रकट हो सकता है, जो गुदा क्षेत्र को असहज बना सकता है।
  4. खूनी बवासीर के मामले में, गुदा क्षेत्र में छोटी से बड़ी गांठें या फुंसियां बन सकती हैं। ये गांठें गुदा क्षेत्र में अनुचित स्राव के कारण विकसित होती हैं और दर्द, संज्ञानशीलता या असहजता का कारण बन सकती हैं।
  5. खूनी बवासीर में, गुदा क्षेत्र में संगठित गुदा (अंतर्वासी) का विकास हो सकता है। यह गुदा क्षेत्र के बाहर या अंदर एक गोलाकार स्तंभ के रूप में प्रकट हो सकता है। इसे खुदाई करने पर आमतौर पर खून संचरित होता है और दर्द और पीड़ा का कारण बनता है।

यदि आप इन लक्षणों को महसूस कर रहे हैं या खूनी बवासीर के संबंध में चिंतित हैं, तो आपको एक विशेषज्ञ की सलाह लेना चाहिए। विशेषज्ञ आपके लक्षणों का मूल्यांकन करेंगे और उपचार की सलाह देंगे जो आपकी स्थिति के अनुरूप होगा। ध्यान देने योग्य है कि खूनी बवासीर एक आम समस्या है और समयबद्ध उपचार के माध्यम से इसे ठीक किया जा सकता है।

खासकर जब आप खूनी बवासीर के लक्षणों को अनुभव कर रहे हों और उपचार की जरूरत महसूस कर रहे हों। खूनी बवासीर का उपचार कई तरीकों से किया जा सकता है, जिनमें दवाओं, क्रीमों, औषधियों और सर्जरी का उपयोग शामिल हो सकता है।

खूनी बवासीर के लिए कुछ सावधानियां

इसके अलावा, आप खूनी बवासीर के लिए कुछ सावधानियों का पालन कर सकते हैं। यह सावधानियां आपको लक्ष्य पर रखने और अतिरिक्त समस्याओं से बचाने में मदद करेंगी।

  1. अच्छे स्वच्छता और हाइजीन अभ्यास बरतें। गुदा क्षेत्र को स्वच्छ और सूखा रखने के लिए साबुन और पानी का उपयोग करें। उच्च आवेदनीय डीप शोषण वस्त्र का उपयोग करें और गुदा क्षेत्र को हमेशा सूखा रखें।
  2. अपने आहार में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन, फाइबर, पर्याप्त पानी, फल और सब्जी शामिल करें। इससे पाचन स्वास्थ्य बढ़ाने में मदद मिलती है और गुदा क्षेत्र की स्वस्थता को बनाए रखने में सहायता मिलती है।
  1. योग और व्यायाम करना गुदा क्षेत्र की संचार को सुचारू रूप से बढ़ाता है और मदद करता है ताकि आपकी पाचन शक्ति सुधारे और खूनी बवासीर के लक्षणों को कम कर सकें।
  2. ध्यान देने योग्य आहार, नियमित नींद, ध्यान और प्राणायाम जैसी प्राकृतिक तकनीकों का उपयोग करके तनाव को कम करें। तनाव के कारण पाचन तंत्र पर दबाव बढ़ सकता है, जो खूनी बवासीर के लक्षणों को प्रभावित कर सकता है।
  3. सही हाइजीन का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण है खूनी बवासीर के लक्षणों को दूर रखने के लिए। इसमें नियमित स्नान, स्वच्छता, स्वच्छ वस्त्रों का उपयोग और सही संक्रमण नियंत्रण शामिल होता है।

यह थे कुछ लक्षण और संबंधित सावधानियां जो खूनी बवासीर के साथ संबंधित हो सकती हैं। हालांकि, आपको यह ध्यान देना चाहिए कि यह केवल सामान्य सलाह है और प्रतिस्पर्धी चिकित्सा परामर्श के साथ मिलनी चाहिए।

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खूनी बवासीर के मस्से सुखाने के उपाय

खूनी बवासीर गुदा के भीतर होने से दिखाई नहीं पड़ती। जिससे इसे अंधी बवासीर भी कहा जाता है। इसके मस्सो से निरंतर खून अथवा मवाज का स्राव हुआ करता है। जो उग्र होकर कम और ज्यादा होता रहता है। जब यह अत्यंत उग्र हो जाती है, तब मलत्याग के समय गुदनलिकाओं के साथ बाहर निकल पड़ती है। जिनसे खून निकलने के साथ अत्यधिक दर्द होता है। जो मुख्य रूप से खूनी बवासीर के नुकसान कहलाते है।

खूनी बवासीर का इलाज ( Khuni bawaseer ka ilaj )

खूनी बवासीर, जिसे हेमोराइड्स भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें गुदा के आस-पास की नसों में सूजन और रक्तस्राव होता है। यह स्थिति लोगों को असहजता और दर्द का अनुभव कराती है। इसलिए, खूनी बवासीर का सही इलाज आवश्यक होता है ताकि रोगी को आराम मिल सके और समस्या का समाधान हो सके। यहां कुछ प्रमुख खूनी बवासीर के इलाज के विचार दिए गए हैं:

  1. यह आमतौर पर खूनी बवासीर के इलाज का पहला चरण होता है। दवाएँ जीवाणुओं को नष्ट करके सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं। इसमें एंटीबायोटिक्स, एंटीफ्लेमेट्री, और एंटीइंफ्लेमेट्री दवाएँ शामिल हो सकती हैं।
  2. खूनी बवासीर के कारण जलन और खुजली की समस्या हो सकती है। इसके लिए, दवाएँ जैसे कि एंटीइंफ्लेमेट्री और कूलिंग जेल्स उपयोगी साबित हो सकती हैं।
  3. खूनी बवासीर के साथ दर्द की समस्या भी हो सकती है। इसके लिए, पेनकिलर दवाएँ और प्रयोग योग्य क्रीमें उपयोगी हो सकती हैं।
  4. आयुर्वेद में भी खूनी बवासीर के इलाज के लिए कई उपाय हैं। यहां कुछ आयुर्वेदिक उपचार शामिल हैं जैसे कि ट्रिफला, आंवला, अर्शकुतारी रस, और पाइलोफिट कैप्सूल आदि।

खूनी बवासीर के घरेलू इलाज ( Khuni bawasir ke gharelu upay )

खूनी बवासीर के नुकसान, खूनी बवासीर के घरेलू इलाज

खूनी बवासीर के मस्से का इलाज करने में घरेलू उपाय अत्यंत गुणकारी है। जो एक प्रकार से बवासीर के मस्से सुखाने की आयुर्वेदिक दवा के जैसे है। जिसका अधिगम प्राप्त होते ही बवासीर के मस्से नष्ट होने लगते है। अक्सर यह बहुत छोटे होते है, इनका प्रभाव उतना ही तेज और प्रभावी होता है। खूनी बवासीर के कुछ प्रसिद्द और गुणकारी बवासीर के घरेलू उपाय इस प्रकार है –

1. सेतू बंदनी

यह आयुर्वेदिक उपाय खूनी बवासीर के इलाज में मददगार साबित हो सकता है। इसमें एक प्लास्टिक की सेतू लें और इसे ठंडे पानी में भिगो दें। इस सेतू को बवासीर की सूजन वाले इलाके पर रखें। इससे सूजन कम हो सकती है और दर्द में आराम मिल सकता है।

2. सिट्स बाथ

इसमें एक बड़ा टब लें और उसे गर्म पानी से भर दें। इसमें एक छोटा टेबलस्पून नमक और एक छोटा टेबलस्पून त्रिफला चूर्ण मिलाएं। अब बैठ जाएं और अपने नीचे की जगह को इस गर्म पानी में रखें। यह सूजन को कम करने में मदद कर सकता है और दर्द को कम कर सकता है।

3. सूखी अंजीर और दूध

रात को सोने से पहले 2-3 सूखी अंजीर को पानी में भिगो दें। इसे रात भर के लिए छोड़ दें। सुबह उठने के बाद, अंजीर को पीस लें और इसे दूध के साथ मिलाएं। यह मिश्रण खूनी बवासीर के लक्षणों को कम करने में मददगार हो सकता है।

  • खूनी बवासीर मस्से छोटे, रंग में पीले – हरे, लसलसे और स्राव युक्त होते है। उनमे कुटज की छाल और सोंठ को बराबर – बराबर लेकर काढ़ा बनाये। इसमें गाय का घी मिलाकर पीने से खूनी बवासीर से निकलने वाला खून रुक जाता है।
  • मधु को ताजे मक्खन में मिलाकर खाने से खूनी बवासीर में लाभ होता है।
  • अरण्डी तेल को दूध में मिलाकर पीने से, बवासीर का सूखा मल आसानी से बाहर निकलने लगता है। इसके साथ बवासीर के मस्सों पर रगड़ भी नहीं लगती।

खूनी बवासीर से बचने के उपाय

सभी प्रकार के रोगो से बचने के लिए, देहगत दोषो का संतुलित होना आवश्यक है। जिसके लिए हमें अपनी जीवनशैली और दिनचर्या को त्रुटि रहित बनाना आवश्यक है। जिनमे निम्न उपाय सहायक है –

  • अत्यधिक तले – भुने, मिर्च – मसाले एवं चटपटे भोजन से बचे।
  • अधिक गरम और ठंडी वस्तुओ के सेवन से बचे।
  • अधिक नमकीन और खटाई आदि न खाये।
  • ताजे और मौसमी फल और सब्जियों का ही सेवन करे।
  • चीनी का उपयोग न करे।
  • खाने में महीन पिसे आटे का प्रयोग न करे।
  • दिन में सोये नहीं।
  • रात्रि में अधिक समय तक न जगे।
  • सोने और जागने का समय निर्धारित करे।
  • नियमित परिश्रम और व्यायाम आदि करे।
  • मल – मूत्र जैसे अधारणीय वेगो को रोके नहीं।
  • अत्यधिक मात्रा में चाय – काफी न पिए।
  • मादक द्रव्यों का सेवन न करे, आदि।

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खूनी बवासीर के नुकसान

खूनी बवासीर में अत्यधिक खून निकलने से, रोगी कमजोर होता जाता है। जिससे उसका शरीर धीरे – धीरे सूखकर, जीर्ण – शीर्ण दिखने लगता है। गाल पिचके हुए हो जाते है। आँखे अंदर घुस जाती है। जिससे सुंदरता का नाश तो होता ही है। अधिक खून निकलने से जान जाने की भी संभावना होती है। जिससे बचने के लिए खूनी बवासीर का शीघ्र इलाज कराना चाहिए। खूनी बवासीर के नुकसान कई हो सकते हैं। यहां कुछ मुख्य नुकसान दिए गए हैं:

  1. खूनी बवासीर में सबसे प्रमुख नुकसान रक्तस्राव होता है। पेशाब के साथ ब्लीडिंग का होना, मलद्वार के माध्यम से रक्त का आवेग और रक्तस्राव की स्थिति के बारे में चिंता कर सकती है। यह रक्तस्राव अनुकंपा, बहुत ही तकलीफदेह और लगातार हो सकता है।
  2. खूनी बवासीर के दौरान लंबे समय तक रक्तस्राव की स्थिति होने के कारण शरीर में रक्त की कमी हो सकती है, जिससे एनीमिया की समस्या हो सकती है। एनीमिया में शरीर में हेमोग्लोबिन की कमी होती है, जिसके कारण शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन प्राप्त नहीं होता है और यात्रा करने की क्षमता प्रभावित होती है।
  3. खूनी बवासीर के संबंध में इंफेक्शन की संभावना होती है। जब खूनी बवासीर के दौरान रक्तस्राव होता है, तो यह रक्तस्राव वाले क्षेत्र को संक्रमण का खतरा बढ़ाता है। इसके परिणामस्वरूप, संक्रमण, जलन, सूजन और पेशाब में तकलीफ हो सकती है।
  4. खूनी बवासीर के दौरान रक्तस्राव और तकलीफदेह स्थिति के कारण लोग शारीरिक और मानसिक तनाव का सामना कर सकते हैं। यह तनाव संबंधित समस्याओं जैसे चिंता, थकान, नींद की कमी, दुखी मनस्तिथि और निराशा का कारण बन सकता है।

खूनी बवासीर को नष्ट करने में बवासीर के घरेलू उपाय बहुत ही उपयोगी है। जो सभी तरह के बवासीर के मस्सों को सुखाने में काम आते है। पंरतु इन सब के साथ अपने रोजमर्रा के क्रियाकलाप में परिवर्तन करना भी आवश्यक है। जिससे देहगत दोषो में तालमेल बिगड़ेने से रोग न हो। जिनको संतुलित करने में खान – पान, दिनचर्या आदि का विधिवत ध्यान रखना परम अनिवार्य है।

ध्यान रहे : इन लेखो का एकमात्र उद्देश्य स्वास्थ्य जागरूकता लाना है। यंहा जो भी उपाय सुझाये गए है। वह चिकित्सीय परामर्श नहीं है। विशेषज्ञीय चिकित्सा विशेषज्ञ के बिना इनका प्रयोग न करे।

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