Hemorrhoids, Piles || बवासीर को हमेशा के लिए खत्म करने का सबसे असरदार तरीका ||
दोस्तों क्या आप भी बवासीर की समस्या से परेशान है। अगर हाँ तो इस Post को पूरा पढ़े। इस Post में आपको बवासीर से छुटकारा पाने के असरदार तरीके मिलेंगे।
सबसे पहले तो आपको यह जानना बेहद जरूरी है कि यह बीमारी रातों-रात या एक दिन या एक हफ्ते में ठीक हो जाने वाली बिमारियों में से नहीं है। क्यूंकि बवासीर एक ऐसी बीमारी है जो की समय के साथ-साथ होती है और समय के साथ-साथ ही बढ़ती जाती है।
इसलिए इसका ईलाज भी समय के साथ ही होता है। इसे पूरी तरह ठीक करने के लिए कुछ परहेज और सावधानियाँ बरतने के साथ-साथ एक से अधिक उपाय करने की भी जरूरत होती है। यह एक ऐसी समस्या है जो कि किसी भी उम्र के इंसान को हो सकती है।
जिन लोगों को भी अक्सर कब्ज और पेट खराब रहने की समस्या रहती है। ऐसे लोगो को बवासीर होने की आशंका रहती है। साथ ही यह बीमारी ज्यादातर महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान भी हो जाती है। इसके आलावा जिन लोगो को लगातार उच्च रक्तचाप की समस्या रहती है उन्हें भी बवासीर होने का खतरा बना रहता है।
अगर आपके परिवार में पहले किसी को इस तरह की समस्या हो चुकी है तो आपको भी ऐसी समस्या होने के बहुत अधिक आसार होते है। इसलिए ऐसी स्थिति होने पर खान-पान में सावधानी बरतना बहुत अनिवार्य है।
जो कि यह बीमारी हमारे गुप्तांगों से संबंधित होती है। इसलिए शुरुआत में अक्सर लोग इसे दुसरो से छुपाते है और अपने आस-पास के लोगो से बताने में भी कतराते है। लेकिन यह बीमारी पेट से शुरू होती है और जितनी भी बीमारी हमारे पेट से संबंधित होती है। उन्हें शुरुआत में तो बहुत आसानी से ठीक किया जा सकता है लेकिन अधिक समय हो जाने के बाद इन समस्याओं से निजात पाने में बहुत मुश्क्त करनी पड़ती है।
इसलिए इससे जुड़े लक्षण दिखने पर ही पहले दिन से इस पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। आज के इस Post में हम बात करेंगे कि बवासीर की बीमारी को जड़ से खत्म करने के कुछ असरदार और कामयाब उपाय जिनका रोजाना इस्तेमाल करने से खून और दर्द की समस्या आसानी से कम हो जाती है। पुराने से पुरानी बवासीर भी हमेशा के लिए खत्म होगी। इसके साथ हम यह भी जानेगें की इस समस्या में तुरंत राहत पाने और इसे वापिस आने से रोकने के लिए किस तरह की चीजों से हमे ज्यादा खानी चाहिए और कौन-कौन सी सावधानियाँ बरतनी चाहिए।
बवासीर की बीमारी को बाहरी रूप से तेजी से ठीक करने के लिए में आपको पहला नुस्खा बताने जा रहा हूँ उसके लिए जो भी सामग्री होगी वह है
जात्यादि तेल (Jatyadi Oil)
जात्यादि तेल बवासीर को ठीक करने के लिए सबसे फायदेमंद तेल होता है। जात्यादि तेल मुलेठी हरड़ शहद और हल्दी जैसी 20 प्राचीन आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से मिलकर बना होता है। जोकि पूरी तरह प्राकृतिक होता है। यदि आप जात्यादि तेल लेना चाहते है तो आप इसे online लें सकते है।
इसका इस्तेमाल घावों को भरने तथा त्वचा से संबंधित कई तरह के रोगों को ठीक करने के लिए भी किया जाता है। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसका असर बवासीर के मस्सो पर बहुत आसानी से होता है और साथ ही एक बार ठीक होने पर यह उस जगह का इन्फेक्शन भी पूरी तरह से ठीक कर देता है। जिससे यह समस्या दोबारा कभी नहीं होती है।
इसका इस्तेमाल करने के लिए रुई के एक टुकड़े को जात्यादि तेल से अच्छी तरह भिगो लें। फिर इस भिगोई हुई रुई को गुदा द्वार पर लगाकर हल्के हाथों से अंदर की तरफ दबाएं। ऐसा करने से रुई में मौजूद तेल निकलकर अंदर मलाशय की तरफ जायेगा। वहां पर मौजूद प्रभावित स्थान को तेजी से ठीक करेगा।
ध्यान रहे कि इसमें एक बार में हमें 2-3ml. से ज्यादा तेल का इस्तेमाल नहीं करना है। अगर आपको ज्यादा अंदर की तरफ मस्सें है तो कोशिश करें कि यह तेल ज्यादा से ज्यादा अंदर तक पहुँच सके।
इसका इस्तेमाल एक दिन में 3-4 बार या फिर दिनभर में जितनी बार आप शौचालय जाते है। तब हर बार इस तेल का इस्तेमाल कर सकते है। साथ ही रात को सोने से पहले भी इस तेल को जरूर लगाएं। रात में लगाने पर उस तेल में भिगोई गयी रुई को रात भर के लिए इसे उस जगह पर ही लगा रहने दें।
ऐसा करने पर इसका असर दौगनी रफ्तार से होता है। बवासीर की बीमारी में जात्यादि तेल का इस्तेमाल आयुर्वेद में पुराने समय से किया जाता आ रहा है। एक हफ्ते तक इसका इस्तेमाल करते रहने से आप कमाल का फर्क महसूस करेंगे।
लेकिन अच्छे परिणाम के लिए इसके साथ कुछ और धरेलू नुस्ख़े का भी इस्तेमाल कर सकते है। अगला जो नुस्खा है। उसे बनाने के लिए हमे जरूरत है
जामुन के बीज (Berries seeds)
आम के बीज (Mango seed)
जीरा पाउडर (Cumin powder)
इसमें हम आम के बीज का इस्तेमाल कर रहे है। आम का बीज खुनी बवासीर में बहुत फ़ायदेमंद होता है। जिन लोगो को भी बवासीर की बीमारी के चलते ज्यादा समय हो गया है। अक्सर खून आने की समस्या बनी ही रहती है ऐसी समस्या आम के बीज बहुत ही लाभकारी होते है।
इसे बनाने के लिए सबसे पहले आम और जामुन के बीजों को अच्छी तरह सूखा लें और इनका पाउडर बना लें। आम के बीज का पाउडर बनाने के लिए सूखने के बाद इसकी अंदर वाले हिंस्से का ही इस्तेमाल करें।
इसके बाद 50gm. जामुन के बीज में 25-30gm. आम की गुटली का पाउडर और 25gm. भुने हुए जीरे का पाउडर डालकर साडी चीजों को अच्छी तरह मिला लें।
इस तरह से यह नुस्खा तैयार हो जायेगा। इस तैयार पाउडर का सेवन 1 चम्मच रोजाना सुबह शाम खाना खाने के बाद बहुत हल्के गर्म पानी के साथ मिलकर करें। इसमें मौजूद जामुन के बीज हमारे पेट को साफ करते है। जिससे कि मल करते समय हमे ज्यादा जोर नहीं लगाना पड़ता है। साथ ही यह हर तरह के इन्फेक्शन को भी तेजी से खत्म करता है।
इस नुस्खे का इस्तेमाल हमें सुबह और दिन के खाना खाने के बाद ही करना है। रात के खाने के बाद इसका इस्तेमाल नहीं करना है।
इसके आलावा एक और आयुर्वेदिक उपाय है जो की आपकी बवासीर में बहुत अधिक फायदेमंद होता है। उसके लिए आपको जरूरत होगी
अभयारिष्ट
यदि आप अभयारिष्ट आयुर्वेदिक औषधि लेना चाहते है तो आप इसे online भी ले सकते है।
अभयारिष्ट एक पिये जाने वाली आयुर्वेदिक औषधि है। यह आपको किसी भी मेडिकल स्टोर या फिर पतंजलि या आयुर्वेदिक स्टोर पर आसानी से मिल जाएगी। अभयारिष्ट का इस्तेमाल पेट से जुडे सभी तरह के रोगों के लिए किया जाता है। खासकर बवासीर में यह बहुत फायदेमंद होती है। जात्यादि तेल की तरह यह भी आयुर्वेद की 15 से ज्यादा जड़ी-बूटियों से बना है। बवासीर में होने वाले असहनीय दर्द के लिए यह बहुत कारगर माना जाता है।
इसका इस्तेमाल करने के लिए एक कप हल्का गर्म पानी लें। उसमे 2-3 चम्मच अभयारिष्ट मिलकर रोजाना सुबह शाम खाना खाने के 1 घंटे के बाद सेवन करें लगातार इसका इस्तेमाल करते रहने से आप देखेंगे कि दिन प्रतिदिन आपका दर्द कम होता जायेगा और आपकी बवासीर की बीमारी में भी सुधार आ जायेगा।
अभयारिष्ट का इस्तेमाल एक बार में 15-20ml. ही करें। साथ ही गर्भ अवस्था के दौरान इसका सेवन करना हानिकारक हो सकता है। इसलिए प्रेग्नेंट महिलाएं इसका सेवन बिलकुल न करें।
इसके आलावा कुछ और साधारण खायी जाने वाली चीजें होती है जोकि बवासीर हो जाने पर बहुत फायदेमंद सिद्ध होती है। इसके लिए मूली और करेले का रस भी बहुत उपयोगी होता है। जिन लोगो को किसी भी तरह की बवासीर की समस्या है उन्हें 1 हफ्ते में 3 बार एक कप करेले का रस और एक कप मूली का रस जरूर पीना चाहिए।
ऐसा करने से इन्फेक्शन तेजी से ठीक होता है और बुरे से बुरे दर्द में भी राहत मिलती है। बवासीर होने पर शरीर में की कमी होना इस बीमारी को और बदतर बना सकती है। इसलिए दिनभर में ज्यादा से ज्यादा पानी पियें। लेकिन 1 घंटे में 250ml. से ज्यादा पानी न पिए।
बवासीर की बीमारी एक बहुत ही गंभीर और दर्दनाक बीमारी है। इसलिए चाहे इसकी शुरआती अवस्था हो या फिर ठीक होने वाला हो बिना खान-पान में परहेज किये या बिना सावधानी बरते इसे जड़ से खत्म करना असंभव है। इसलिए खान-पान में ज्यादा तीखा या मसालेदार भोजन न खाएं जितने समय आपको यह तकलीफ है उतने समय के लिए पूरी तरह से ही इसे छोड़ दें। अगर आप थोड़ा सा तीखापन चाहते है तो केवल हरी मिर्च का इस्तेमाल कर सकते है। लाल मिर्च का इस्तेमाल बिलकुल भी न करें।
बवासीर होने पर मस्सें होने और उनमे से खून आने की समस्या होती ही है। यह मस्से Fat का भी एक कारण हो सकता है। इसलिए इस बीमारी में ऐसी चीजों का सेवन करना जो की हमारे शरीर में Fat की मात्रा को और अधिक बढ़ाये वह भी इस बीमारी को दौगनी रफ्तार से बढ़ा सकता है।
इसलिए जितनी भी मैदे से बनी चीजें होती है जैसे की ब्रेड, रस, बिस्कुट, बंद आदि। इन तरह की चीजों का कम से कम इस्तेमाल करें। साथ ही चर्बी बढ़ाने चीजें जैसे आलू, साबुत चन्ना, चन्ने की दाल , बेसन, सोयाबीन या उससे बनी चीजों से जितना हो सके उतना दूर ही रहे।
क्यूंकि यह साडी चीजें शरीर में पानी को सोखती है और कब्ज होने की संभावना को बढाती है। बवासीर की बीमारी के दौरान हमारा पेट पूरी तरह साफ रहना बहुत जरूरी है। क्यूंकि इस बीमारी की मुख्य जड़ ही कब्ज होती है।
अगर बवासीर के दौरान पेट साफ नहीं रहें तो इस बीमारी से बचना असंभव है। तली हुई चीजों का भी कम से कम इस्तेमाल करें। बहार का Junk Food खाने के बजाए घर में बना हुआ सादा भोजन ही खाएं।
बवासीर की बीमारी में हमारा रक्तचाप पूरी तरह सामान्य होना चाहिए। क्यूंकि कई बार बढ़ा हुआ रक्तचाप ही इस बीमारी को और ज्यादा बना देता है।
जो लोग भी धूम्रपान या शराब का सेवन करते है। और खाने में अक्सर ज्यादा मांस खाते है। ऐसे लोगों को इस बीमारी के दौरान इन सभी चीजों को खाना बंद कर देना चाहिए।
इसके आलावा ज्यादा खट्टा या मीठा भी इस बीमारी को बढ़ा सकता है। खासकर जो बहार बनी हुई मीठी चीजें जैसे की Ice-Cream और मिठाई और बेकरी Items इन सभी चीजों में रिफायंड शुगर की मात्रा अधिक होती है जो की हमारे शरीर में पानी को कम करके हमारे मल को सख्त बनती है और कब्ज होने का सबसे ज्यादा कारण बन जाती है।
साथ ही खटाई शरीर में जख्मों को और ज्यादा पकाने और अधिक गंभीर बनाने में सबसे मुख्य भूमिका निभाती है। इसलिए खट्टी चीजें जैसे की इमली या इनसे बनी हुई चीजें आदि। इस बीमारी के दौरान इन्हे खाना बंद कर दें।
इसी के साथ में उम्मीद करता हूँ कि आपने इस पोस्ट को अच्छी तरह पढ़ा होगा और आपको हर बताई हुई चीज समझ आयी होगी। अगर आपको कहीं समझ न आया हो तो आप मुझे comment करके बता सकते हो। मैं आपके Question का Answer देने की पूरी कोशिश करूंगा।
दोस्तों पोस्ट को पढने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूँ और आपसे अलविदा चाहता हूँ। अलगी पोस्ट मैं फिर नए Topic and Tips के साथ मिलेंगें. तब तक के लिए धन्यवाद।