दोस्तों पानी ही एक ऐसी चीज है जिस पर हम कभी ध्यान नहीं देते। क्या अपने कभी सोचा कि पानी पीने का सही तरीका क्या है, हमें पानी कब पीना चाहिए, और पानी पीने का सही समय क्या है ?
अगर आपने इन सब चीजों के बारे में आज तक नहीं सोचा है तो इन सभी सवालों का जवाब में आपको आज इस Post के माध्यम से दूंगा। अगर आप इन सभी सवालों का जवाब चाहते है तो Post को पूरा अंत तक पढ़े। आज की इस Informational Post में आपको बहुत कुछ सिखने को मिलेगा। तो चलिए शुरू करते है।
दोस्तों जब हमारा जन्म होता है तो हमारा शरीर 75% पानी से बना होता है। लेकिन बढ़ती उम्र के साथ यह पानी कम होता जाता है। वयस्क होने के बाद एक सामान्य पुरुष के शरीर में पानी की मात्रा 60% होती है। वहीं महिलाओं के शरीर 55% पानी से बना होता है।
आखिर यह पानी हमारे शरीर में होता कहाँ है।
कुछ पानी हमारी किडनी (Kidney) में और कुछ पानी हमारे लीवर (Liver) में, हमारे पेट (Stomach) और मूत्राशय (Bladder) और रीढ़ की हड्डियों (Spinal Cord) में इकट्ठा हो जाता है। हमारे दिल और दिमाक 75% पानी से बने है। वहीँ हमारे फेफड़ों में लगभग 83% पानी मौजूद होता है। लेकिन पुरे शरीर में सबसे ज्यादा पानी हमारी कोशिकाओं में होता है। आपको जानकर हैरानी होगी की हमारी हड्डियां जो की पूरी तरह सख्त और सुखी दिखाई देती है, उनके अंदर भी 31% तक पानी होता है।
इस तरह से अगर कुल मिलाकर देखा जाये तो हमारे शरीर में सभी अंगों को अपना काम सही तरह से करने के लिए पानी की जरूरत पड़ती ही है और इसी वजह से एक व्यक्ति चाहे खाना खाये बिना एक लम्बे समय तक रह सकता है लेकिन पानी पीने बिना एक दिन भी नहीं रह सकता। पानी हमारे शरीर के लिए इतना आती जरूरी होने की वजह से हमे इससे जुड़े नियमों का पालन करना बहुत आवश्यक होता है।
पानी पीने का तरीका, पानी पीने का समय, और पानी पीने की मात्रा का हमारे शरीर पर अच्छा और बुरा दोनों तरह से असर पड़ता है। हमें रोजाना कितना पानी पीना चाहिये, किस तरह पानी पीना चाहिए, किस समय पर और कैसा पानी पीना चाहिए।
इन सभी बातों का हमें पता होना बहुत ही जरूरी है। क्यूंकि पानी किसी भी तरह के नियम में लापरवाही बरतने से हमारे शरीर को बहुत ज्यादा नुकसान होता है। जोड़ों में दर्द, कब्ज, माइग्रेन, त्वचा पर दाग धब्बे और पिम्पल्स होना, बालों का झड़ना, लगातार पेट और आँतों से जुडी समस्याएँ बने रहना, भोजन का सही तरीके से न पचना, शरीर में कमजोरी और आलस रहना, रात को अच्छी नींद न आना, किडनी से जुडी बीमारियां, त्वचा में सूखापन और झुर्रियां होने के साथ-साथ गैस यूरिक अम्ल और मोटापा शरीर की नसों में कमजोरी आने जैसी 40 से अधिक बीमारियां सिर्फ पानी पीने से जुडी हुई गलतियों के कारण होती है।
आजकल कई लोग इन समस्याओं से केवल इसलिए परेशान है क्यूंकि वह जाने-अनजाने में पानी पीने से जुडी हुई जरूरी बातों पर ध्यान नहीं देते है। शरीर में हो रही किसी भी तरह की बीमारी के ठीक नहीं होने की वजह उन्हें कभी भी पता नहीं चल पाती है। जो व्यक्ति अपनी लाइफ में केवल पानी को सही तरीके से पानी पीने की आदत डाल लेता है। वह हर मौसम में स्वस्थ और निरोगी बना रहता है।
लम्बी उम्र तक आँखे, हड्डियां, बाल, और त्वचा जवान बनी रहती है। पेट हमेशा साफ रहता है। Skin हमेशा Glow करती रहती है। इतना ही नहीं कई तरह की बिमारियों को केवल पानी पीने का तरीका बदलने से पूरी तरह ठीक किया सकता है। पानी की मदद से ही बिना Diet और Exercise के 1 महीने में 5 KG से ज्यादा वजन घटाया जा सकता है। पानी पीने से जुड़े हुए नियम वैसे तो बहुत आसान है लेकिन उनके फायदे अद्भुत है।
पानी कितना पियें?
दिन भर में पानी पीने की मात्रा हर व्यक्ति के शरीर के आकर, वजन शारीरिक गतिविधियों और मौसम पर निर्भर करता है। रोजाना हमारे शरीर से पेशाब, मल, और पसीने के जरिये पानी लगातार कम होता रहता है। साथ ही बोलने और साँस लेने की प्रक्रिया में भी शरीर का पानी भाप बनकर बहार निकलता रहता है। इस तरह से रोजाना 2-3 लीटर पानी हम अपने शरीर से बहार निकल देते है। इसलिए सामान्यता एक पुरुष को दिन भर में 2-4 लीटर पानी पीने की सलाह दी जाती है, और महिलाओं को 2-3 लीटर पानी पीना शरीर के लिए अच्छा माना जाता है।
अगर आप रोजाना सुबह या शाम को Exercises करते है तो उस स्थिति में पानी की मात्रा बढ़ा देना चाहिए। खासकर गर्मियों में बताई गयी मात्रा से थोड़ा ज्यादा पानी पीना चाहिए। ज्यादा पानी पीना वैसे तो हमारी सेहत के लिए अच्छा होता है लेकिन शरीर में पानी की जरूरत से ज्यादा अधिकता हमारी किडनियों के लिए हानिकारक भी हो सकती है।
आप दिन-भर सही मात्रा में पानी पी रहे है या नहीं इससे पेशाब यानि युरिन के रंग से पहचाना जा सकता है। अगर आपके पेशाब का रंग पीला है तो यह निशानी है की आपका शरीर Dehydrated (निर्जलित) है और आपको पानी पीने की आवश्यकता है। अगर आपके पेशाब का रंग पानी की तरह साफ है तो यह दर्शाता है की आपकी Body Hydrated (जलयोजित) है।
पानी कब पियें और कब नहीं?
हमें पानी कब-कब पीना चाहिए इससे ज्यादा ध्यान देने वाली बात यह है की हमे पानी कब नहीं पीना चाहिए। क्यूंकि गलत समय में पानी पीने से हमारे शरीर पर सबसे ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ता है। अच्छी सेहत और पानी से मिलने वाले सभी तरह से पोषक तत्व का पूरी तरह लाभ उठाने के लिए अपने दिन की शुरुआत चाय की जगह में पानी से करें। चाहे प्यास लगी हो चाहे नहीं लगी हो लेकिन रोजाना सुबह उठकर 1-2 गिलास यानि लगभग 500.ml. पानी जरूर पियें।
खली पेट पानी पीने से हमारे पेट और आँतों की अच्छे तरह से सफाई होती है। साथ ही रात भर में जमा हुई मुँह लार भी पेट के अंदर पहुँच जाती है। आयुर्वेद में सुबह-सुबह बनने वाली मुँह की लार को सोने से भी ज्यादा महत्वपूर्ण बताया गया है। सुबह के समय बनने वाली मुँह की लार में हमारे शरीर के लिए आवश्यक सभी तरह के Enzyms होते है जो की खाली पेट हमारे शरीर में प्रवेश करते है। हमारी सेहत पर अच्छा प्रभाव डालते है. एक गिलास में लगभग 250ml पानी आता है।
इसी तरह 2-4 लीटर पानी पिने के लिए:-
- सुबह खाली पेट 2 गिलास यानि 500ml .
- 1 गिलास नाश्ते के आधा घंटा बाद।
- 1-1 गिलास दिन में खाने के 40 मिनट पहले और 40 मिनट बाद।
- 2 गिलास शाम के समय एक एक घंटे के अंतराल के बाद
- एक एक गिलास रात के खाने के 40 मिनट पहले और 40 मिनट बाद।
कब-कब हमे पानी नहीं पीना चाहिए?
कभी भी खाना खाने के तुरंत पहले या तुरंत बाद पानी न पियें। क्यूंकि ऐसा करने से खाया हुआ भोजन ज्यादा पतला हो जाता है। खाना ठीक से नहीं पच पाता। जब हम खाना खाते है तो खाना खाने के पहले निवाले के साथ ही उस खाये हुए भोजन को पचाने के लिए हमारे पेट में पाचक रस बनना शुरू हो जाता है। पाचक रस अपनी गर्मी से पेट में पहुंचे भोजन को पचाते है। ठीक उसी तरह जिस तरह से हम कच्चे खाने को गर्म करके पकाते है। खाने के तुरंत बात पानी पिने से खाना ठीक तरह से पचने की जगह सड़ने लगता है और गैस बनने लगती है।
अगर आपका दिन भर बैठने का काम है तो खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीने की वजह से बनी गैस हमारे शरीर के दूसरे अंगों में भी जाकर जमा हो सकती है। जिसकी वजह से समय के साथ-साथ पेट सर और जोड़ों में दर्द रहने की समस्या होने लगती है।
पेट का खाना नहीं पचने से सबसे बड़ी समस्या पेट की गैस (Acidity) होती है। जो लोग लगातार खाना खाते ही पानी पी लेते है। उन्हें लम्बे समय तक पेट में जलन और पेट गैस की समस्या का सामना करना पड़ता है।
अगर लगातार पेट का खाना ठीक तरह से नहीं पचने के चलते Cholesterol बढ़ने लगता है और साथ ही यह शरीर में यूरिक अम्ल की मात्रा को भी बढ़ाता है। इसलिए कभी भी खाना खाने के बाद तुरंत बाद या तुरंत पहले पानी न पियें।
हमेशा खाना खाने के 40 मिनट से 1 घंटे बाद ही पानी पियें। अगर आप बहुत ज्यादा सूखा भोजन करते है तो खाना खाने के तुरंत बाद 2-3 घूंट पानी पीया जा सकता है। फिर भी अगर आपको ज्यादा पानी पीने का मन करें तो पानी पीने की जगह छाछ, नीम्बू पानी, फलों का जूस पिया जा सकता है।
इसके साथ ही रात के भोजन के बाद पानी के जगह दूध पिया जा सकता है। जब भी आप सुबह के समय खाली पेट पानी पियें तो हमेशा इसे पेशाब करने के पहले ही पियें और ठीक इसी तरह दिन में हर समय पानी पेशाब करने के तुरंत बाद कभी न पियें क्यूंकि जब हम पेशाब करते है तो हमारे शरीर के अंदरूनी अंग तेजी से सिकुड़ते है। ऐसी स्थिति में तुरंत पानी पी लेने से अंदरूनी अंग और नसें कमजोर होती है।
इसकी वजह से धीरे-धीरे पेशाब न रोक पाने और पानी ठीक से न पचने की समस्या पैदा हो जाती है। पानी पीते ही बार-बार पेशाब आने लगती है। चाय या कॉफ़ी जैसी गर्म चीजों के तुरंत बाद ठंडा पानी न पियें। क्यूंकि ऐसा करने से हमारे गले और तालु को नुकसान पहुँचता है। इसी तरह खट्टे फल या जिनमे पहले से ही अधिक मात्रा में रस पाया जाता है उन्हें खाने के तुरंत बाद पानी पीने से बचे। क्यूंकि पानी पी लेने से वह हमारे पेट में पूरी तरह पच नहीं पाते जिसकी वजह से सर्दी, खांसी और पेट खराब होने की सम्भावना काफी ज्यादा बढ़ जाती है।
पानी कैसे पियें?
पानी हमेशा धीरे-धीरे पीना चाहिए। ठीक उसी तरह जिस तरह हम चाय या कॉफ़ी पीते है। पानी पीते समय उसे पहले थोड़ी देर में अपने ही मुँह में रखे और फिर निगले।
यह पानी पीने का सबसे बेहतरीन तरीका है। जो लोग इस तरीके की आदत डाल लेते है। उनके शरीर में कभी भी किसी भी तरह की बीमारी नहीं आती। क्यूंकि थोड़ा-थोड़ा पानी पीने से पानी के साथ मुँह की लार भी पेट के अंदर जाती है। यह तरीका सबसे ज्यादा सुबह के समय फायदेमंद होता है।
कभी भी जल्दी-जल्दी पानी न पियें। एक ही बार में बहुत ज्यादा पानी न पियें। क्यूंकि हमारे शरीर की एक बार में केवल एक गिलास यानि लगभग 250ml पचाने की क्षमता होती है। अगर आप ज्यादा पानी पीने के चक्कर में एक ही बार में जल्दी-जल्दी 1 गिलास से ज्यादा पानी पी लेंगे तो ऐसा पीया गया पानी हमारे शरीर को पूरी तरह नहीं लगता और पेशाब के जरिये बहुत जल्दी बहार निकल जाता है।
इसलिए हर 40 मिनट से 1 घंटे के अंतराल में 1 गिलास पानी सिप-सिप करके पियें। गिलास या बोतल में मुँह लगाकर पियें। कभी भी गर्दन ऊपर करके जल्दी-जल्दी एक साथ बहुत सारा पानी न पियें। साथ ही हमेशा पानी बैठकर ही पियें। खड़े-खड़े या चलते हुए भी पानी ना पियें। ऐसा करने से पानी शरीर में तेजी से प्रवेश करता है और ऊपर से पीने की वजह से यह अपने साथ बहुत सारी गैस को भी शरीर में ले जाता है। जिससे की शरीर के अंदरूनी अंगों में दबाव और खिंचाव पैदा होता है।
धीरे-धीरे पानी पीना बैठकर पानी पीना और जल्दी-जल्दी और खड़े रहकर पानी पीने में एक ही बार पानी का असर हमारे शरीर में अलग-अलग तरीके से होता है। धीरे-धीरे मुँह लगाकर पानी पीने से यह हमारे शरीर का PH कंट्रोल रखता है और पेट के अम्ल को शांत करता है।
इतना ही नहीं पानी से साथ-साथ मुँह की लार भी शरीर के अंदर जाने से हमारा पाचन अच्छा करता है और पेट में चर्बी जमा नहीं होती। वहीं दूसरी तरफ अगर आप जल्दी-जल्दी या खड़े रहकर पानी पीते है तो इससे हमारे शरीर के अंदरूनी अंग और नसें कमजोर होती है। शरीर में गैस की मात्रा बढ़ती है। जोकि बाद में जोड़ों में दर्द पैदा करने लगती है।
कैसा पानी पियें?
चाहे कितनी भी ज्यादा गर्मी पड़ रही हो , कभी भी फ्रिज का बहुत ज्यादा ठंडा पानी, बर्फ का पानी न पियें। हमेशा सामान्य तापमान का हल्का ठंडा पानी ही पियें। कई लोगों को लगता है की फ्रिज का बहुत ज्यादा बर्फीला पानी हमारे शरीर में ठंडक पहुंचाता है बल्कि ऐसा नहीं है बर्फ का पानी जब हमारे शरीर में जाता है तो शुरुआत में वह ठंडा होता है लेकिन कुछ ही देर में वह बहुत ज्यादा गर्म हो जाता है। जोकि हमारे शरीर को ठंडा करने की बजाये गर्म करने लगता है।
ठंडा पानी पीने के बहुत कम फायदे होते है। जो लोग हमेशा ठंडा पानी पीना पसंद करते है उनके शरीर में पानी के साथ-साथ खाना भी ठीक तरह से नहीं पचता। साथ ही सर में दर्द और अपचन और कब्ज आदि समस्या ज्यादा ठंडा पानी पीने की वजह से होती है।
इसलिए हमेशा ठंडा पानी नहीं पीने की जगह सामान्य तापमान का ही पानी पियें या तो आप हल्का गर्म पानी ही पियें। ठंडा और बारिश के मौसम में गर्म पानी पीने से हमारे शरीर को कई तरह के लाभ मिलते है। क्यूंकि गर्म पानी पीने से भोजन जल्दी पचता है। खासकर जिन लोगों को कब्ज या जोड़ों में दर्द रहता है उन्हें हमेशा हल्का गर्म पानी ही पीना चाहिए।
गर्म पानी पीना सर्दी, जुकाम जैसी समस्याओं में काफी ज्यादा लाभदायदक भी होता है। लेकिन लोगों को पेट गैस या उच्च रक्तचाप जैसी समस्या है वह लोग गर्म पानी का सेवन न करें।
दोस्तों पानी पीने से जुडी हुई इतनी बातें कुछ ज्यादा लगती है लेकिन आप विश्वास माने यह सभी नियम इतने साधारण है कि मात्र एक हफ्ते में अगर आप इन नियमों का पालन करते है तो धीरे-धीरे आपको इन तरीकों की आदत पड़ जाएगी। उसके बाद आप बिना ध्यान दिये ही आप सब कुछ नियमों के अनुसार करने लगेंगे।
दोस्तों में ये मानता हूँ की अपने इस पोस्ट को अच्छी तरह पढ़ा होगा और समझा होगा। अगर आपको कहीं समझ न आया हो तो आप मुझे comment करके बता सकते हो। मैं आपके Question का Answer देने की पूरी कोशिश करूंगा।
दोस्तों पोस्ट को पढने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूँ और आपसे अलविदा चाहता हूँ। अलगी पोस्ट मैं फिर नए Topic and Tips के साथ मिलेंगें. तब तक के लिए धन्यवाद।